
CM Dhami Tribute Surya Kant Nirala’s: कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 129 वीं जयंती मनाई जा रही हैं। उनका जन्म 21 फरवरी 1896 को हुआ था। निराला ने कहानियां, उपन्यास, निबंध लिखे, लेकिन वो अपनी कविताओं के कारण ज्यादा चर्चित रहे। इसी दौरान उत्तराखंड के सीएम धामी ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट कर नमन किया ।
सीएम धामी ने ‘निराला जी’ को किया नमन..
सीएम धामी ने ‘निराला जी’ को याद करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ट्वीट कर नमन किया। साथ ही लिखा कि-
“हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि एवं लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी की जयंती पर कोटिशः नमन।
आप हिंदी साहित्य के छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक थे।
आपकी कालजयी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को समृद्ध बनाने में अहम योगदान दिया।”
हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि एवं लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी की जयंती पर कोटिशः नमन।
आप हिंदी साहित्य के छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक थे। आपकी कालजयी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को समृद्ध बनाने में अहम योगदान दिया। pic.twitter.com/elOMk9RliQ
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 21, 2025
‘निराला जी’ का संघर्ष..
निराला की मां का बचपन में ही देहांत हो गया था। काफी कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी, लेकिन जब वह 20 साल के हुए तब उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था। कुछ समय बाद उनकी बेटी की भी मौत हो गई थी।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बांग्ला में प्राप्त की। मेट्रिक के बाद उन्होंने घर में रह कर संस्कृत और अंग्रेजी साहित्य की शिक्षा प्राप्त की थी।
काव्य संग्रह
निराला के प्रसिद्ध काव्य संग्रह हैं- अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, कुकरमुत्ता, अणिमा, बेला, नये पत्ते, अर्चना, अराधना, गीत कुंज, सांध्य काकली, अपरा।
निराला प्रसिद्ध कविताओं में से एक-
वसन्त की परी के प्रति
आओ, आओ फिर, मेरे बसन्त की परी
छवि-विभावरी
सिहरो, स्वर से भर भर, अम्बर की सुन्दरी
छबि-विभावरी
बहे फिर चपल ध्वनि-कलकल तरंग
तरल मुक्त नव नव छल के प्रसंग
पूरित-परिमल निर्मल सजल-अंग
शीतल-मुख मेरे तट की निस्तल निझरी
छबि-विभावरी