chardham yatra 2025 mock drill ndma usdma : उत्तराखंड में इस साल होने वाली चारधाम यात्रा 2025 को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। यात्रा से पहले किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) मिलकर 24 अप्रैल को एक ज्वाइंट मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रहे हैं।
इस ड्रिल का उद्देश्य है – यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने की यथासंभव तैयारी की टेस्टिंग करना।
👥 बैठक में हुई रणनीति तय: हर जिले के अधिकारी रहे शामिल
बुधवार को NDMA की ओर से एक ओरिएंटेशन और कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, ट्रैफिक, लोक निर्माण विभाग, और ITBP सहित कई विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में NDMA के सीनियर कंसल्टेंट मेजर जनरल सुधीर बहल ने वर्चुअली हिस्सा लेते हुए मॉक ड्रिल के उद्देश्यों और क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी साझा की।
📢 “आपदा प्रबंधन सामूहिक जिम्मेदारी है” – मेजर जनरल सुधीर बहल
मेजर जनरल सुधीर बहल ने कहा:
“आपदा प्रबंधन किसी एक विभाग या व्यक्ति का कार्य नहीं है। इसमें सभी की भागीदारी अनिवार्य है – चाहे वह जिला प्रशासन हो, पुलिस हो या स्थानीय स्वयंसेवी संगठन।”
उन्होंने यह भी कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी भी आपातकालीन स्थिति में रिस्पॉन्स टाइम को घटाकर यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
🏔️ चारधाम यात्रा क्यों है संवेदनशील?
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की कठिन और ऊंचाई वाली पर्वतीय क्षेत्रों में ले जाती है, जिनमें शामिल हैं:
- केदारनाथ
- बद्रीनाथ
- यमुनोत्री
- गंगोत्री
यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से संवेदनशील हैं और यहां भूस्खलन, अचानक मौसम परिवर्तन, सड़क जाम, और स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थितियां अक्सर उत्पन्न होती हैं।
इसलिए आपदा प्रबंधन की तैयारी और मॉक ड्रिल जैसी कवायदें यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम हैं।
⚙️ ड्रिल के दौरान क्या-क्या होगा टेस्ट?
मॉक ड्रिल में निम्नलिखित स्थितियों पर फोकस किया जाएगा:
- अचानक भूस्खलन और यात्री फंसे होने की स्थिति
- मेडिकल इमरजेंसी
- ट्रैफिक जाम और वैकल्पिक मार्ग
- हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन
- स्थानीय प्रशासन और ITBP की समन्वय प्रक्रिया
📝 यात्रा से पहले तैयारी का ‘फुल टेस्ट’
चारधाम यात्रा 2025 से पहले होने वाली यह मॉक ड्रिल न केवल उत्तराखंड प्रशासन की सतर्कता दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि इस बार यात्रा को और ज्यादा सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।