
heetah Helicopter Lands in Yamunotri for Flood Works : उत्तरकाशी (उत्तराखंड): चारधाम यात्रा 2025 से पहले यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा कार्यों में तेजी लाने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद ली जा रही है। आज 21 अप्रैल को भारतीय वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर ने यमुनोत्री हेलीपैड पर सफल ट्रायल लैंडिंग की।
🛠️ मशीनें पहुंचाना है चुनौती, इसलिए एयरलिफ्ट का सहारा
- यमुनोत्री धाम तक 6 किमी लंबा तीखा पैदल मार्ग है।
- ऐसी भौगोलिक स्थिति में भारी मशीनों को ज़मीन से पहुंचाना असंभव है।
- इसलिए जिला प्रशासन ने वायुसेना से एयरलिफ्टिंग की अनुमति मांगी।
डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट के अनुसार:
“बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों के लिए भारी मशीनों की जरूरत है, जिसे एयरलिफ्ट करने के लिए सेना की मदद जरूरी है।”
✈️ ट्रायल में क्या हुआ?
- 2 चीता हेलीकॉप्टरों ने आज हेलीपैड की रेकी (रिकी) और ट्रायल लैंडिंग की।
- इनमें से एक हेलीकॉप्टर ने सफल लैंडिंग कर मिशन को हरी झंडी दे दी।
- अब सिंचाई विभाग बड़े पैमाने पर मशीनों की लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू करेगा।
💰 1956.85 लाख की लागत से हो रहा है बाढ़ सुरक्षा कार्य
- यमुनोत्री मंदिर से लेकर जानकीचट्टी और श्रीराम मंदिर से अखोली पुल तक, यमुना नदी के दोनों किनारों पर काम हो रहा है।
- कुल लागत: ₹19.56 करोड़
- प्रस्तावित है कि आगे चिनूक हेलीकॉप्टर से हेवी मशीनरी की एयरलिफ्टिंग भी की जाएगी।
🔧 बाढ़ सुरक्षा के साथ तीर्थयात्रियों की सुविधा भी लक्ष्य
- 2024 में अतिवृष्टि और बाढ़ से यमुनोत्री में भारी क्षति हुई थी।
- इस बार प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है ताकि तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान
- सुरक्षा
- मूलभूत सुविधाएं
- और आपातकालीन उपाय मिल सकें।
📍 अब एयरलिफ्ट होंगी बाढ़ सुरक्षा की भारी मशीनें
यमुनोत्री में चीता हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग से साफ है कि इस बार प्रशासन और सेना मिलकर तीर्थ क्षेत्र को सुरक्षित और सुलभ बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले बाढ़ सुरक्षा और मूलभूत ढांचे का तेजी से विकास एक बड़ा कदम है।