
Bihar News: नीतीश सरकार ने बिहार के बच्चों के लिए बड़ा काम किया है। जिले के कामगार मजदूर वर्ग को अपने बच्चों की शिक्षा में आर्थिक बाधाओं का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार ने छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत श्रम विभाग को जिले के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों के बच्चों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त हो सके। इसके माध्यम से इन मजदूरों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी और वे अपनी शिक्षा की दिशा में आर्थिक समस्याओं से मुक्त रहेंगे।
योजना का फायदा उठाने के लिए जमा करने होंगे ये दस्तावेज
इस योजना का फायदा उठाने के लिए लाभार्थियों को कुछ आवश्यक दस्तावेज विभाग को करने होंगे, जिनमें आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मुखिया द्वारा जारी नियोजन प्रमाण पत्र और विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र शामिल हैं। प्रमाण पत्र में यह उल्लेख किया जाएगा कि विद्यालय द्वारा कोई छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है और छात्र विद्यालय का नियमित विद्यार्थी है।
छात्रों को सरकार द्वारा दिए जाएंगे 5,000 रुपए
श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने यह भी बताया कि आईटीआई में पढ़ाई करने वाले छात्रों को सरकार द्वारा 5,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए छात्रवृत्ति सहायता योजना और शिक्षा प्रोत्साहन सहायता योजना भी संचालित की जा रही है।
नीतीश सरकार ने बच्चों के लिए किया बड़ा काम
नीतीश सरकार ने बिहार के बच्चों के लिए बड़ा काम किया है। जिले के कामगार मजदूर वर्ग को अपने बच्चों की शिक्षा में आर्थिक बाधाओं का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार ने छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत श्रम विभाग को जिले के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों के बच्चों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त हो सके।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष 5,000 से लेकर 25,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। 11वीं और 12वीं कक्षा में अध्ययनरत श्रमिकों के दो बच्चों को हर वर्ष 25,000 रुपए आईटीआई में पढ़ने वाले बच्चों को 5,000 रुपए, और सरकारी पॉलिटेक्निक में पढ़ने वाले बच्चों को 10,000 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी।